अखंड अमर सौभाग्य सिंदूर
बेअटके सवालों में खो गए उत्तर सख्त दीवारों में घड़ी की टकटक खामोशी को ओर भी रह - रहकर गंभीर गहन बनाए कौन खाली बाँस को इस योग्य बनाए कौन फिर एक बार बंसी मीठी बजाए