ओ कृष्ण प्यारे
ओ कृष्ण प्यारे गोकुल के ग्वाले नंददुलारे बंसी बजाओ , छायी निराशा सोई निस्तब्धता अब पल प्रतिपल घनेरी दीप आशा का फिर मन - मंदिर में जलाओ । मनप्राण खोए हुए है , अवरुध्द जीवन गति - लय विकसे कमल , कमलनयन क्यों अदृश्य