संदेश

जुलाई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ओ कृष्ण प्यारे

चित्र
ओ  कृष्ण  प्यारे  गोकुल  के  ग्वाले  नंददुलारे  बंसी  बजाओ ,  छायी  निराशा  सोई   निस्तब्धता  अब  पल प्रतिपल  घनेरी  दीप   आशा   का   फिर   मन -  मंदिर   में   जलाओ । मनप्राण   खोए    हुए   है  ,  अवरुध्द   जीवन  गति -  लय विकसे   कमल  ,   कमलनयन   क्यों   अदृश्य