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श्याम संध्या दीप जलाए

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श्याम संध्या दीप जलाए  अस्ताचल सूर्य सागर अंक अब विश्राम पाये  दिन का ताप उतरा शीतल हवा का झोंका धीरे से बह निकला अस्फुट ध्वनि कुछ सहज हुई निस्तब्ध शांत में एक गहन वार्ता थी