मेरे मन तुम राधे - राधे जपा करो
इधर - उधर व्यर्थ न जग में भटका करो ,
मेरे मन तुम सदा श्रीचरणों में रहा करो ।।
न लोभ ईर्ष्या कोई , न कटुता में रहा करो
मेरी जिह्वा तुम मिश्री से मीठा नाम राधे - राधे बोला करो ।।
दिन हो या रात , स्मृति में नित राधे का ध्यान किया करो ।
उदास न रहा करो , मेरे मन तुम राधे - राधे जपा करो ।।

बहुत ही सुन्दर मनभावन सृजन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
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